नमस्कार मित्रो आज हम आपको AIDS Full Form in Hindi के बारे में बताने वाले है अक्सर कई बार आपने एड्स के बारे में पढ़ा और सुना होगा लेकिन बहुत ही कम लोगो को इसके बारे में पता होता है की आखिर यह एड्स होता क्या है और किस कारण से फैलता है तो ऐसे में यह जानकारी आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती है इसमें हम आपको एड्स से जुडी बेहद ही खास जानकारी बताने वाले है.

AIDS Full Form in Hindi

हाल में हर एक व्यक्ति को इसके बारे में पता होना आवश्यक है क्युकी इस तरह की जानकारी आपके लिए कई प्रकार से उपयोगी साबित हो सकती है एवं अगर आप पढाई करते है तो कई बार परीक्षा आदि में भी आपको इस प्रकार के सवाल पूछे जा सकते है इसलिए आपको एड्स से जुडी जानकारी पता होनी चाहिए अगर आप इससे जुडी विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो AIDS Full Form in Hindi आर्टिकल को ध्यान से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी समझ में आ सके.

AIDS Full Form in Hindi

एड्स एक प्रकार की जानलेवा बिमारी है जिससे पूरी दुनिया परेशान है क्युकी यह एक ऐसी बीमारी है जिसका अभी तक कोई भी इलाज नही मिल पाया है एवं जिस व्यक्ति को यह बीमारी हो जाती है उस व्यक्ति को बचा पाना नामुमकिन है हालांकि कुछ दवाइयों के माध्यम से उस व्यक्ति को ज्यादा दिन तक जीवित रखा जा सकता है लेकिन उसे पूरी तरह से ठीक नही किया जा सकता एवं एड्स से जुडी अन्य जानकारी बताने से पहले हम आपको इसके पुरे नाम के बारे में बता रहे है जो निम्न प्रकार से है.

  • AIDS Full Form in English – Acquired Immune Deficiency Syndrome
  • AIDS Full Form in Hindi – “एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम”

एड्स एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में फैलने वाली बिमारी है जो बेहद ही तेजी से किसी भी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकती है एवं जिस व्यक्ति को एड्स की बीमारी हो जाती है वो काफी ज्यादा कमजोर होने लग जाता है और उसका खून धीरे धीरे पानी में बदालने लग जाता है जिसके कारण कुछ ही दिनों में मरीज की मृत्यु तक हो सकती है.

एड्स क्या है

पूरी दुनिया में 18 मई को एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है यह एक जानलेवा वायरस होता है जिसके कारण व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है एवं वैज्ञानिकों के अनुसार एड्स वायरस अफ्रिका के चिंपांजी बंदर में पाई जाने वाली एक बिमारी है जो सर्वप्रथम सन् 1920 में मनुष्य में फैली थी एवं सबसे पहले यह बिमारी अफ्रीका के कॉन्गो की राजधानी किंशासा में पायी गयी थी इसके बाद सन् 1959 में एक व्यक्ति के खून की जाँच करने पर उस व्यक्ति के रक्त में यह वायरस पाया गया था.

हाल में यह वायरस पूरी दुनिया में फ़ैल चूका है और दुनियाभर के करोड़ो लोग इस बीमारी से ग्रसित है यह एक ऐसा वायरस है जो रक्त आदि के माध्यम से एक व्यक्ति के शरीर से दुसरे व्यक्ति के शरीर में फैलता है एवं जब यह बिमारी लास्ट स्टेज पर होती है तो उस वक्त मरीज को बचाना नामुमकिन होता है इसलिए इस बीमारी को लाइलाइज बीमारी भी कहा जाता है.

एड्स होने के मुख्य लक्षण

अगर किसी भी व्यक्ति को एड्स होता है तो उस व्यक्ति में कई प्रकार के लक्षण देखने के लिए मिल सकते है जिससे इस बीमारी की पहचान होती है ऐसे में आपको इसके लक्षण पता होने आवश्यक है हम आपको इसके कुछ मुख्य लक्षण बता रहे है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए.

  • ज्यादा बुखार आना
  • बहुत ही ठण्ड लगना
  • काफी ज्यादा कमजोरी महसूस होना
  • वजन का तेजी से घटना
  • खून की बार बार कमी होना
  • अत्याधिक थकावट होना
  • गले में खराश रहना
  • मांसपेशियों में बहुत तेज दर्द रहना
  • रात को बहुत ही पसीना आना
  • लसीका ग्रंथि में सुजन होना
  • बार बार सर दर्द होना

इस प्रकार के कई लक्षण एड्स से ग्रसित व्यक्ति में देखने के लिए मिल सकते है आपको इसके लक्षण के बारे में पता रखना चाहिए ताकि कभी भी कोई भी व्यक्ति आपको एड्स से ग्रसित दिखाई दे तो आप उसके लक्षणों से इस बीमारी की पहचान कर सके.

एड्स फ़ैलाने के मुख्य कारण

किसी भी व्यक्ति में एड्स फ़ैलाने के कई मुख्य कारण हो सकते है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए की आखिर किन किन कारणों से व्यक्ति में यह रोग फ़ैल सकता है तो हम आपको इसके  बारे में बता रहे है जिसकी वजह से यह संक्रमण फ़ैल सकता है.

असुरक्षित यौन सम्बन्ध के कारण

अक्सर ज्यदातर मामलों में असुरक्षित यौन सम्बन्ध के कारण ही यह रोग फैलता है अगर कोई भी व्यक्ति असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाता है तो इसके कारण यह सक्रमण फ़ैलाने का खतरा काफी ज्यादा होता है इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाने से बचना चाहिए और असुरक्षित यौन बनाते वक्त निरोध का इस्तमाल करना चाहिए इससे आप एड्स जैसी जानलेवा बीमारी से खुद का बचाव कर सकते है.

अगर आप किसी अनजान व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाते है तो इसके कारण यह संक्रमण फ़ैलाने का खतरा काफी ज्यादा रहता है और इसके कारन आप भी सक्रमित हो सकते है इसलिए आपको अनजान व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध बनाते वक्त पूरी सावधानी बरतनी चाहिए और किसी भी प्रकार की लापरवाही करने से बचना चाहिए.

संक्रमित ब्लेड से इस्तमाल करने से

अगर कोई स्वास्थ्य व्यक्ति उस ब्लेड को इस्तमाल करे जो सक्रमित व्यक्ति पहले इसतमल कर चूका है तो इसके कारण भी एड्स की बीमारी फ़ैल सकती है इस तरीके से कई लोग एड्स जैसी गंभीर बिमारी की चपेट में आ चुके है क्युकी जब साक्रमित व्यक्ति ब्लेड का इस्तमाल करता है तो थोडा सा भी कट लग जाने पर जो वाइरस होता है वो ब्लेड पर भी आ जाता है इसके बाद स्वास्थ्य व्यक्ति उस ब्लेड का इस्तमाल करता है तो स्वास्थ्य व्यक्ति के शरीर में भी वो वायरस प्रवेश कर लेता है जिसके कारण स्वास्थ्य व्यक्ति जल्दी ही संक्रमित हो सकता है.

ऐसे में इस वायरस से बचने के लिए आपको हर बार नयी ब्लेड का ही इस्तमाल करना चाहिए और जिस ब्लेड का इस्तमाल पहले किया जा चूका है उस ब्लेड का इस्तमाल करने से बचना चाहिए इससे आप काफी हद तक इस बीमारी से खुद का बचाव कर सकते है एवं आपको अनजान व्यक्ति के द्वारा इस्तमाल की गयी ब्लेड से विशेष रूप से बचकर रहना चाहिए.

संक्रमित सुई के इस्तमाल से

कई बार आपने देखा होगा की कुछ ऐसे डॉक्टर या नर्स होते है जो एक ही इंजेक्शन कई लोगो के लिए इस्तमाल करते है जो की एक बहुत ही बड़ी लापरवाही होती है इसके कारण एड्स फैलने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है क्युकी अगर कोई सुई संक्रमित व्यक्ति को लगाई जाती है वो ही सुई किसी स्वास्थ्य व्यक्ति को लगाई जाए तो इसके कारण स्वास्थ्य व्यक्ति भी जल्दी ही संक्रमित  हो सकता है.

विशेषज्ञो का मानना है की एड्स से बचने के लिए हर बार नयी सुई का इस्तमाल करना चाहिए और अगर कोई व्यक्ति इस्तमाल की गयी सुई को दुबारा से उपयोग में लेना चाहता है तो उस सुई को कुछ देर तक अच्छी तरह से पानी में उबाल लेना चाहिए इसके बाद ही उस सुई का इस्तमाल करना चाहिए क्युकी अच्छी तरह से उबाल लेने पर सुई में जो बैक्टीरिया होगे वो ख़त्म हो जायेगे और स्वास्थ्य व्यक्ति के शरीर इ इस प्रकार के बैक्टीरिया प्रवेश नही कर पायेगे.

सक्रमित ब्लड लेना

अगर किसी भी व्यक्ति को ब्लड की कमी हो गयी है और उस व्यक्ति को नए ब्लड की आवशकता है तो ब्लड हमेशा ब्लड बैंक से ही लेना चाहिए क्युकी वहां पर पुरे चेकअप के बाद ही बल्ड लिया जाता है इसलिए यह काफी ज्यादा सुरक्षित होता है अगर कोई व्यक्ति बिना जाँच के ब्लड चढ़ाता है और उस व्यक्ति के शरीर में सक्रमित व्यक्ति का ब्लड प्रवेश कर लेता है तो इसके कारण स्वास्थ्य व्यक्ति भी जल्दी ही संक्रमित हो सकता है.

बहुत ही कम मामलों में किसी व्यक्ति के शरीर में इस प्रकार से एड्स की बीमारी फैलती है क्युकी हर एक डॉक्टर पूरी तरह से जाँच करने के बाद ही किसी व्यक्ति को ब्लड चढाते है इसलिए ब्लड के द्वारा एड्स फैलने की संभावना काफी ज्यादा कम होती है फिर भी सावधानी बरतनी बेहद ही आवश्यक है.

स्तनपान या गर्भावस्था से

अगर कोई महिला एड्स से संक्रमित है और वो महिला किसी शिशु को जन्म देती है तो उस शिशु में भी एड्स वाइरस हो सकता है इसके साथ ही अगर कोई संक्रमित महिला किसी स्वास्थ्य शिशु को स्तनपान करवाती है तो इसके कारण भी उस शिशु में एड्स की बीमारी फ़ैल सकती है इसलिए अगर कोई महिला संक्रमित है तो उसे प्रसव से पूर्व या स्तनपान करवाने से पूर्व डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद ही आवश्यक है इससे आप शिशु को संक्रमित होने से बचा सकते है.

एड्स से बचने के तरीके

एड्स से बचने के लिए आपको कई प्रकार की सावधनी बरतनी आवश्यक है इससे आप इस बीमारी से खुद का बचाव कर पायेगे अगर आप इस बीमारी से खुद का बचाव करना चाहते है तो इसके लिए हम आपको कुछ बेहतरीन तरीके बता रहे है जिन्हें अपनाकर आप इस प्रकार की बीमारी से खुद का बचाव कर सकते है.

  • हमेहा असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाने से बचे रहे.
  • यौन सम्बन्ध बनाते वक्त आपको निरोध का इस्तमाल करना चाहिए.
  • कभी भी आपको इस्तमाल की गयी ब्लेड या सुई का उपयोगी नही करना चाहिए.
  • कभी भी ब्लड लेने से पहले आपको इसकी अच्छे से जाँच करवा लेनी चाहिए.
  • अपने जीवनसाथी के अलावा अन्य व्यक्ति से सम्बन्ध न बनाये
  • एड्स से पीड़ित महिला कभी भी गर्भधारण न करें

निम्न प्रकार के कुछ खास तरीके है जिन्हें अपनाकर आप इस बीमारी से खुद का बचाव कर सकते है इसके लिए किसी भी प्रकार की दवाई या टीका आदि नही है इससे बचाव ही इसका इलाज है इसलिए आपको हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए इससे आप एड्स जैसी जानलेवा बीमरी से खुद का बचाव कर पायेगे.

एड्स का इलाज क्या है

अभी तक एड्स की कोई भी दवाई या टीका आदि नही बना है इससे बचाव ही इसका इलाज है अगर आप इस बीमारी से खुद का बचाव करना चाहते है तो आपको इससे बचकर रहना चाहिए क्युकी एक बार संक्रमित होने के बाद इस बिमारी से निजात पाने का कोई अन्य तरीका नही है हालांकि कुछ दवाइयां है जिसकी मदद से रोगी के शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाया जाता है इससे रोगी ज्यादा समय तक खुद को जीवित रख सकता है,

हालाकि दवाओं के माध्यम से एड्स के रोगी को 10 साल या इससे कुछ अधिक समय तक जीवित रखा जा सकता है लेकिन यह बीमारी होने के बाद उस व्यक्ति की मृत्यु निश्चित है जब तक व्यक्ति इस बीमारी से बचा रहता है तभी तक वो व्यक्ति स्वास्थ्य रह सकता है इसलिए कभी भी आपको किसी प्रकार की लापरवाही आदि नही करनी चाहिए इससे आप आसानी से खुद का बचाव कर पायेगे.

इस आर्टिकल में हमने आपको AIDS Full Form in Hindi के बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है आपको हमारी बताई जानकरी उपयोगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करें और इससे जुडा किसी भी प्रकार का सवाल पूछना चाहे तो आप हमे कमेट करके भी बता सकते है.

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